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Hathras Incident: हाथरस में सत्संग में 122 लोगों की मौत, पढ़िए मामले से जुड़ा पूरा अपडेट

 Hathras incident: हाथरस में सत्संग में 122 लोगों की मौत, पढ़िए मामले से जुड़ा पूरा अपडेट


नमस्कार दोस्तों उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 से ज्यादा लोग घायल हैं।

सत्संग हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में चल रहा था। इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग जमा थे। हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया है। घायलों में कई की हालत गंभीर है, इसलिए मृतकों को संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

अस्पताल परिसर में दिख रहे 100 से ज्यादा शव भगदड़ में किसी का सिर फूटा, किसी के हाथ-पैर टूटे


हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। भास्कर ने डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं।

एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि जब आईजी शलभ माथुर से मरने वालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने 116 लोगों की मौत की पुष्टि की।

हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं। इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।


हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया। सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे। परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे। अफसर खड़े देखते रहे। न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था।


भगदड़ होने का कारण: 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं।

सत्संग वाले बाबा कौन है:

भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा के रहने वाले हैं। करीब 25 साल से वह सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके अनुयायी हैं। मंगलवार को 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। बाबा के बारे में सब कुछ जाने। 

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